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लाइटनिंग

लाइटनिंग, यह सुन्दर और कल्पनाशील नाम है एक बाघिन का, जिसके इर्द गिर्द यह कहानी बुनी गई है। कहानी बाघिन के बारे में रूढ़ मान्यताओं को दरकिनार करते हुए उसकी नैसर्गिकता को सामने लाती है । उसके अपने घर व घर के अन्य बाशिंदों के साथ प्यार और चाहत के रिश्तों को उभारती है। और उभारती है मानव समुदाय की जंगल जीवों के प्रति उस आत्मीय जवाबदेही को जिसके बिना पर ही इन सबका जीवन संभव और सुखद लगता है। सधी हुई भाषा में ताजगी, सादगी और रवानगी है। सभी चित्र बेमिसाल है खासकर तब का जब ‘चाँद को गर्व हो रह था…कुछ ही देर पहले वह यहाँ थी’ और बाघिन के वहाँ होने को चित्र में उकेरा गया है।

जुगनू प्रकाशन 2021 प्रभात एलन शॉ

मछली नदी खोल के बैठी

इस नन्हीं-सी कल्पनाशील कविता को बार-बार पढ़ने की अभिलाषा होती है शायद अगली बार कुछ अर्थ या भाव बन सके। कुछेक बार पढ़ने पर ही कविता से निकटता बन पाती है । प्रकृति के सन्दर्भ में खोल शब्द से कई मायने बनते बदलते रहते हैं। संभवतः कविता कहती है , खोल के प्रस्तुत प्रकृति में कुछ भी छुपाए या चुराए जाने का डर नहीं है, यह तो दुनिया है, जो चप्पे-चप्पे तालों में है । सुकून देते चित्र कविता के भाव को कुछ और आगे ले जाते हैं। लेखन की केलीग्राफ़ी सुन्दर व कविता के भावों के अनुरूप है। कविता को शब्दशःयाद करना भले संभव न हो, फिर कभी दुबारा पढ़ने पर कुछ नया कहने, गुनगुनाने वादा ज़रूर करती है।

एकलव्य 2021 सुशील शुक्ल वसुंधरा अरोड़ा

बेटियाँ भी चाहें आज़ादी

‘बेटियाँ भी चाहें आज़ादी’ ताक़त और विश्वास के साथ स्त्रियों की हरसंभव स्वाधीनता की उद्घोषणा करती है। यहाँ साधारण से लगने वाले वाक्य भी नारों जैसी तात्कालिकता और ओजस्विता प्राप्त कर लेते हैं।जीवन के हर क्षेत्र में हर तरह की आज़ादी के बग़ैर स्त्री-पुरुष समानता संभव नहीं है।यह किताब संविधान प्रदत्त अधिकारों और मन की बात कहने की आज़ादी की माँग करती है।आकर्षक चित्रों से सज्जित यह किताब बेटियों की पू्र्ण स्वाधीनता का घोषणा-पत्र है।

प्रथम बुक्स 2021 कमला भसीन सृजना श्रीधर

ये सारा उजाला सूरज का

‘ये सारा उजाला सूरज का’ एक सम्मोहक कविता है जो संसार की हर शै में सूरज की उपस्थिति और रूपांतरण को प्रस्तुत करती है।हवा,पानी,जीवों तक में सूरज अलग अलग रंग-रूप में मौजूद है।नये बिम्बों,कल्पनाशील प्रयोगों और जादुई संगीत के कारण यह कविता पुस्तक सहज ही कंठस्थ की जा सकती है।शब्दों को विस्तार देते चित्र सूर्य-किरण के वर्ण-क्रम को व्यक्त करते हैं।सूर्य के महिमा-गान के साथ यह कविता सभी जीवों और पदार्थों की आंतरिक एकता को स्वर देती है।

एकलव्य 2021 सुशील शुक्ल शिल्पा रानाडे

तारिक का सूरज

“कहानी कहती है– दुनिया इसके सभी रहवासियों से है। रहवासियों के बनाने से दुनिया बनती है। मिलकर जीवन जीने, एक दूसरे का ख्याल रखने, जरूरतों की कद्र से यह दुनिया बनती रही आई है। यह दुनिया के उजाले को बनाए रखने में अपने हिस्से के उजाले को शामिल करने की कहानी है। यह सब पाने के लिए पाठक को कहानी में कई बार डूबना उतरना पड़ता है।

किताब में की गई चित्रकारी, किसी बच्चे या शायद तारिक के द्वारा बनाए गए चित्रों सा आभास कराती है। के बनाए चित्रों का आभास कराती है। यह दृष्टि चित्रकारी को नया आयाम देती हैI पानी के रंगों से बने चित्र एक दूसरे से घुलते मिलते नज़र आते हैं।”

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जुगनू प्रकाशन 2020 शशि सबलोक तविशा सिंह

क्या तुम हो मेरी दादी ?

परिवार में मौत जैसी दुःखद घटना बच्चों के मन पर गहरा असर डालती है। उसका सामना और भी मुश्किल हो जाता हैं क्योंकि अक्सर, परिवार के बड़े इस विषय पर बच्चों से बात नहीं करते और आसपास का वातावरण ग़मगीन होने के कारण बच्चों के मन में उठते सवाल और डर दबे -दबे से रह जाते हैं । यह किताब दादी के चले जाने के बाद बच्ची के मन में आनेवाले विचारों की प्रस्तुति है जो बच्चों को अपनी बात रखने का संवेदनशील अवसर, बड़ी कुशलता से देती है।

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जुगनू प्रकाशन 2020 सानिका देशपांडे सानिका देशपांडे

मिट्टी

कहानी सशक्त है और समाज के उस वर्ग की परिस्थितियों के यथार्थ और मानवीय रिश्तों को दिखाती है जिनकी जगह आम बाल साहित्य में विरले ही मिलती है। कहानी में बच्ची का नाम मिट्टी ही बहुत कुछ कहता है। उसकी एक स्वाभाविक लेकिन असम्भव-सी इच्छा को पूरा करने के लिए माँ के सूझबूझ भरे जतन बच्चे के लालन-पालन की सीमाओं को एक अलग सन्दर्भ देते हैं । चित्र सहज सादगीपूर्ण और कहानी को बोलते-कहते लगते हैं। आठ पेज़ की एक रंगी छोटी-सी किताब कहानी के मामले में उम्दा है। बाल साहित्य में इस तरह की कहानियों का सादगी और सस्ते में आना सुकून देता है।

मुस्कान 2020 मधु ध्रुवे उबीता लीला उन्नी

स्कूल में हमने सीखा और सिखाया

यह छोटी-सी किताब अंग्रेजी माध्यम में पढ़नेवाले कई बच्चों की आपबीती हो सकती है । छोटे- बड़े गाँव शहरों में अभिभावक बड़े उम्मीदों से से बच्चे को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में दाखिल करते हैं, पर ज़्यादातर बच्चों के लिए भाषा अपरिचित होने के कारण पढ़ाई कठिन और नीरस हो जाती है। यह किताब गोंड बच्चों के माध्यम से, इसी समस्या को उजागर करती हैं।यह श्रृंखला सरल भाषा,सहज प्रस्तुति और सार्थक प्रयास का उदाहरण है , जिसपर छात्र और शिक्षकों के बीच चर्चा निहायत जरुरी है ।

मुस्कान 2020 निकीता धुर्वे पूजा साहू